Dengue fever: Causes, symptoms, home remedies, mosquito protection, fever treatment guidelines, cure, abdominal pain, and test names in Hindi | डेंगू बुखार के कारण, लक्षण एवं घरेलु उपचार | FAQ

हर साल दुनिया भर में लाखों लोग डेंगू के शिकार होते हैं। एक शोध के अनुसार, प्रति वर्ष वैश्विक रूप से लगभग 390 मिलियन डेंगू संक्रमण होते हैं, जिनमें से 96 मिलियन व्यक्ति इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिणी चीन, ताइवान, पैसिफिक द्वीप, मेक्सिको, अफ्रीका, मध्य अमेरिका, और दक्षिण अमेरिका डेंगू के सबसे अधिक जोखिम में हैं। विशेष रूप से, डेंगू फीवर दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिमी पैसिफिक द्वीप में सबसे अधिक प्रसारित है। पिछले 10 से 12 सालों में भारत में डेंगू के रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। सितंबर 2015 में, नई दिल्ली में 1872 डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे।

डेंगू क्या है ?

डेंगू एक खतरनाक बीमारी है जो वर्तमान में कई लोगों में फैल रही है। यह बीमारी आमतौर पर विशेष प्रकार के मच्छरों के काटने से होती है, लेकिन वास्तव में डेंगू एक वायरस से होती है। यह बीमारी विश्व में उष्णकटिबंधी और उपउष्णकटिबंधी क्षेत्रों में अधिक होती है।

हल्का डेंगू होने पर उच्च बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। जबकि सीवियर डेंगू, जिसे हेमोरेजिक फीवर भी कहा जाता है, में रक्तचाप अचानक कम हो सकता है, और यह रोगी की मौके पर मौका पर मौका तक पहुँच सकता है।

इस लेख में, हम आपको इस बीमारी के कारण, लक्षण, और इसके उपचार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

घर बैठे पैसे कैसे कमायें Click Here

डेंगू बुखार के लक्षण (Dengue Fever Symptoms):-

डेंगू के लक्षण सामने आने में 3 से 15 दिन का समय लेते हैं और इन लक्षणों का प्रकट होना मच्छर के काटने के तुरंत बाद हो सकता है।

इन लक्षणों में शामिल होते हैं:

  1. आँखों में दर्द
  2. भूख में कमी
  3. पीठ दर्द
  4. तेज सिरदर्द
  5. ठंड लगना
  6. बुखार (जो 104 डिग्री तक बढ़ सकता है)

डेंगू के वायरस के ब्लड में फैलने के बाद, जॉइंट्स में दर्द भी शुरू हो सकता है और हाइपोटेंशन (लो ब्लड प्रेशर) और ब्लड प्रेशर के तेजी से गिरने के लक्षण दिख सकते हैं।

डेंगू के और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  1. आँखों का लाल होना
  2. चेहरे पर गुलाबी दाने
  3. लिम्फ में इन्फ्लामेशन

यह सभी लक्षण आमतौर पर डेंगू के पहले चरण में होते हैं, जो कि 4 दिन तक चल सकते हैं।

उसके बाद, एक दूसरा फेज शुरू होता है, जिसमें रोगी का शरीर ठंडा हो जाता है और पसीना आने लगता है, लेकिन इससे पहले शरीर का तापमान नॉर्मल हो जाता है और रोगी को बेहतर महसूस होने लगता है, लेकिन ऐसा भी एक दिन से अधिक नहीं रहता, और इस तरह से डेंगू के दूसरे चरण के लक्षण दिख सकते हैं।

डेंगू बुखार के कारण (Dengue Fever Causes):-

डेंगू का सबसे मुख्य कारण मच्छरों का काटना है। मच्छरों के काटने से डेंगू वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है।

अन्य मुख्य कारण शामिल हैं:

  1. घर के आस-पास पानी का जमा होना, जिसमें मच्छर ब्रीड हो सकते हैं।
  2. संक्रमित पानी और भोजन का सेवन करना, जिसमें संक्रमित मच्छरों के वायरस हो सकते हैं।

डेंगू को लक्षणों के आधार पर ही पहचाना नहीं जा सकता है, इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर टेस्ट करवाना चाहिए। खून की जांच के बाद ही डेंगू फीवर की पुष्टि की जा सकती है। मरीज के शरीर में डेंगू वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए आमतौर पर 3-4 दिन की अवधि चाहिए, और यह अवधि बढ़ सकती है।

डेंगू बुखार वायरोलोजी (Dengue Fever Virology):-

डेंगू के वायरस के चार प्रकार होते हैं, जिनमें DENV-1, DENV-2, DENV-3, और DENV-4 शामिल हैं, और इनमें से किसी एक के कारण डेंगू बुखार हो सकता है। यह वायरस वेस्ट नील इंफेक्शन और येलो फीवर के वायरस के साथ संबंधित होते हैं और इसे ब्रेकबोन फीवर भी कहा जाता है।

डेंगू का बुखार एक सिरोटाइप के वायरस के कारण हो सकता है, और इसका इंसानों के बीच से फैलने में मच्छरों का भी योगदान हो सकता है। डेंगू के वायरस को फैलाने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है, और यह माध्यम मच्छर होते हैं, जो एन्थ्रोपोड्स के रूप में जाने जाते हैं और इन वायरस को अर्बोवायरस भी कहा जाता है।

डेंगू वायरस का जीनोम लगभग 11000 न्यूक्लियोटाइड बेसेज की रेंज के बीच होता है, जो E, C, prM नामक तीन प्रकार के प्रोटीन को कोड करता है। इन प्रोटीन्स का उपयोग वायरस के पार्टिकल बनाने में होता है और 7 अन्य प्रकार के प्रोटीन भी बनाते हैं, जैसे NS5, NS4a, NS2b, NS1, NS2a, NS3, NS4b। ये प्रोटीन्स अक्सर इंफेक्टेड होस्ट सेल्स में पाए जाते हैं, जहाँ वायरस का रिप्लीकेशन होता है।

डेंगू बुखार के वायरस के चार सिरोटाइप होते हैं: DENV-1, DENV-2, DENV-3, और DENV-4

डेंगू बुखार के प्रसारण (Dengue Fever Transmission)

डेंगू बुखार एडिस एजिप्टी मच्छरों के माध्यम से फैलता है। यह वायरस तब फैलता है जब एक मच्छर पहले किसी डेंगू रोगी को काटता है और उसके बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटकर उसके स्वस्थ रक्त में वायरस पहुंचाता है।

ये मच्छर आमतौर पर दक्षिण और उत्तर खेतों में 35 डिग्री अक्षांश के बीच सबसे अधिक होते हैं और सुबह और शाम में सबसे अधिक काटते हैं। इंसान इनके लिए उपयुक्त माध्यम होते हैं, और मच्छर के एकल काटने से भी रोग हो सकता है। हालांकि, रोगी के रक्त में डेंगू वायरस के पौधों की जांच के कारण यह संक्रमण इंफेक्टेड ब्लड के माध्यम से या अवयव दान से भी फैल सकता है।

बच्चों में 10 वर्षों के अधीन इस रोग के प्रति संभावना अधिक होती है। यह देखा गया है कि डेंगू फीवर के कारण बच्चों की मृत्यु दर 6% से 30% तक हो सकती है, और एक वर्ष से कम आयु के बच्चों में डेंगू के कारण मृत्यु की संभावना अधिक हो सकती है।

मच्छरों से बचाव के लिए, सुबह और शाम में ही सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, हालांकि दोपहर और रात में भी डेंगू वायरस वाले मच्छरों से बचाव करना महत्वपूर्ण है। डेंगू के बचाव के लिए ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल क्षेत्रों में सावधानी बरतना चाहिए, और यदि आप यात्रा कर रहे हैं, तो आपको इसे बचाने के सभी उपायों का पालन करना चाहिए।

मच्छरों से बचाव के लिए यह जरूरी है कि पानी को कहीं जमा नहीं होने दिया जाए, जैसे की कूलर, घर के किसी कोने में, टब, बाल्टी, या ड्रम में, और यदि कोई बर्तन या कंटेनर पानी एकत्र कर रहा है, तो उसे ढककर रखें या फिटकरी का उपयोग करें, ताकि मच्छर उस पानी में पनपने से बचा जा सके। मच्छरों की आवास को समाप्त करने के लिए सप्ताह में एक बार पानी को साफ करें और सफाई का ध्यान रखें। किसी भी जगह पर पानी को एक सप्ताह से अधिक नहीं जमा होने दें, जैसे कि कंटेनर में जमा पानी, जानवरों के पीने के लिए रखे गए पानी की टंकी, या फूलों के गमलों में पानी को इकट्ठा नहीं होने दें। घर के सभी कचरे को सही समय पर बाहर फेंक दें, उन्हें ज्यादा दिन तक इकट्ठा नहीं करें, विशेषकर रसोई के कचरे और बायोवेस्ट, क्योंकि कचरा या गंदगी जमा होने पर मच्छरों की कॉलोनी डेवलप हो सकती है। मच्छर मारने के दवा का समय-समय पर छिड़काव करते रहें, लेकिन उस पर लिखे इंस्ट्रक्शनों का भी पालन करें, क्योंकि कई बार यह छिड़काव इतने तेज होते हैं कि यह इंसानों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, यदि आप डेंगू प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर हैं, तो अपना स्वास्थ्य सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतें, जैसे कि मच्छरों वाले क्षेत्रों से दूर रहें, मच्छर काटने से बचाने वाली क्रीम लगाना, और अन्य उपाय। धूप में बाहर जाने के स्थान पर ठंडे और साफ कमरे में ही रहकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें, क्योंकि कम तापमान पर मच्छरों की जनसंख्या कम होती है। सुरक्षात्मक कपड़े पहनकर घूमें। जब भी डेंगू प्रभावित क्षेत्र में जाएं, या ऐसे कोई भी क्षेत्र में जहां गंदगी अधिक हो और मच्छरों के पनपने की संभावना हो, तो वहां पर पहले से ही अपने शरीर को ढककर जाएं। संभव हो तो हाथ में मोजे और पैर में मोजे भी पहनें और अपना मुंह कपड़ों से ढक लें, ताकि आपके शरीर का वह क्षेत्र कम हो जाए जहां मच्छरों के काटने की संभावना हो सकती है। गहरे रंग के कपड़े पहनना अवॉयड करें, क्योंकि मच्छर इन कपड़ों से आकर्षित हो सकते हैं, इसलिए लाइट रंग के पूरी आस्तीन के कपड़े ही पहनें। आप अपने कपड़ों पर मोस्कीटो रिपेलेंट जैसे परमेथ्रिन (Permethrin) भी लगा सकते हैं, ये एक विशेष रूप से आपके कपड़ों, जूतों, मोजों, बिस्तर पर लगाई जाने वाली नेट पर भी लगा सकते हैं, लेकिन याद रखें कि आपकी त्वचा पर इसे नहीं लगाना चाहिए, केवल कपड़ों पर ही। नैचुरल मच्छरों को मारने के लिए डव्हेलोप किए गए और लेमन ग्रास जैसी दवाओं का उपयोग करें।

डेंगू से बचाव (Dengue Precautions)

2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेंगू के लिए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे सनोफी पास्चर डेंगवेक्सिया (CYD-TDV) कहा जाता है। डेंगू महामारी के होने के स्थानों में इसे 9 से 45 वर्षीय व्यक्तियों को दिया जाता है। डेंगू वैक्सीन को केवल बड़े बच्चों के लिए स्वीकृत किया गया है क्योंकि छोटे बच्चों में इसके प्रयोग से डेंगू के होने की संभावना बढ़ जाती है और हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वैक्सीन प्रभावशाली नहीं है, इसके लिए मच्छरों की जनसंख्या को नियंत्रित करने के उपायों का पालन करना आवश्यक है।

डेंगू रोग की पहचान (Dengue Diagnosis)

डेंगू के लक्षणों के आधार पर ही डेंगू की पहचान की जाती है, और रोगी के पास डॉक्टर को उसके यात्रा का इतिहास भी प्रस्तुत करना होता है, ताकि डॉक्टर यह जान सके कि क्या रोगी किसी डेंगू प्रभावित क्षेत्र में गया था या नहीं।

हालांकि इसके बाद भी, डॉक्टर आमतौर पर ब्लड और अन्य क्लिनिकल टेस्ट करवाने के लिए सलाह देते हैं। इसका कारण है कि कई अन्य बीमारियाँ, जैसे कि लेप्टोस्पाइरोसिस, टाईफोइड, येलो फीवर, स्कारलेट फीवर, रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर, मेनिंजोकोक्सेमिया, मलेरिया, चिकनगुनिया, खाद्य-जहर प्रमाणित हो सकती हैं, और इनके लक्षण डेंगू के लक्षणों के समान हो सकते हैं।

इसलिए, यदि रोगी के पास भयानक 104 डिग्री फारेनहाइट का बुखार है और प्रारंभिक जांच से डॉक्टर को स्पष्टता नहीं मिल रही है, तो डेंगू को अन्य बीमारियों से अलग करने के लिए और जाँचें करवाई जाती हैं।

आमतौर पर, फिजिशियन इसके लिए कंप्लीट ब्लड टेस्ट (सीबीसी) करवाते हैं, जिसमें ब्लड में उपस्थित हेमोग्लोबिन के साथ ही प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सेल्स (मोनोसाइट, बेसोफिल, इओसिनोफिल, और बेसोफिल) की संख्या का भी पता चलता है। प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी डेंगू के संकेतों को सूचित कर सकती है।

इसके अलावा, सिर-दर्द की स्थिति में ब्लड कल्चर और यूरीन कल्चर के साथ स्पाइनल टैप भी किया जा सकता है, ताकि डेंगू और अन्य बीमारियों की व्यापकता का विश्लेषण किया जा सके।

इम्यूनोग्लोबिन एम-बेस्ड टेस्ट (MAC-ELISA assay) का उपयोग भी डेंगू फीवर की जाँच के लिए किया जा सकता है। हालांकि कई अन्य टेस्ट भी उपलब्ध हैं, जो रोगी के डेंगू वायरस के प्रति इम्यूनोलॉजिकल प्रतिक्रिया पर आधारित हैं, जैसे कि इम्यूनोग्लोबिनजी-एलिसा (IgG-ELISA), डेंगू वायरल प्लेक रिडक्शन टेस्ट, और पीसीआर टेस्ट मुख्य हैं।

डेंगू का इलाज | Dengue Treatment

डेंगू के इलाज के लिए डॉक्टर आमतौर पर नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लामेतट्रि एजेंट्स (NSAID) जैसे एस्पिरिन, आईबुप्रोफेन और अन्य NSAID का उपयोग नहीं करते हैं, क्योंकि डेंगू वायरस में हिमोरेज करने की संभावना होती है। और NSAID इस हिमोरेज में और बढ़ावा देने की संभावना है। इसके बजाय, डॉक्टर अन्य दवाइयों जैसे कि एसिटामिनोफेन (टाईलेनॉल), कोडीन, और अन्य ऐजेंट्स, जो NSAID नहीं हैं, का उपयोग करते हैं। डेंगू की अधिक गंभीर स्थितियों, जैसे हिमोरेजिक और शॉक सिंड्रोम की स्थिति में, रोगी को अस्पताल में उपचार की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें अतिरिक्त समर्थन उपचार की आवश्यकता होती है, जैसे कि IV फ्लूइड हाइड्रेशन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन, ब्लड प्रेशर सपोर्ट, और अन्य इंटेंसिव केयर हो सकती है।

मुक्ति से प्लैगरिज्म फ्री डेंगू बुखार के घरेलू उपचार (डेंगू फीवर होम रेमेडी ट्रीटमेंट)

डेंगू बुखार के घरेलू उपचार एक सहायक माने जा सकते हैं, लेकिन उनका पूरा और अंतिम इलाज कभी भी घरेलू उपचार पर पूरी तरह निर्भर नहीं किया जा सकता है। इस संदर्भ में, पपीते के पेड़ की पत्तियों से एक एक्सट्रैक्ट तैयार करके उनका उपयोग किया जा सकता है, जिससे शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि, इसके बावजूद, इस तरीके के घरेलू उपचार का पूरी तरह से प्रमाणित नहीं माना गया है, और डेंगू के लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर से जल्दी मिलने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा, कुछ और सुझाव | Suggestions:

  • आराम करें और पर्यापन से पानी पीते रहें, इस दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, इसलिए डॉक्टर द्वारा सुझाए गए पाउडर को पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है।
  • डेंगू का कोई विशेष दवा नहीं होती, लेकिन डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएं दी जाती हैं, और साइड इफेक्ट्स से बचाव के लिए इन्हें सही समय पर लेना चाहिए।
  • बुखार के लिए पैरासिटामोल का सेवन करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर चलें, और डॉक्टर आस्पिरिन जैसी दवाओं का सेवन करने से इनकार करते हैं, इसलिए इन्हें न लें।
  • अपने घर और आसपास की सफाई को बनाए रखें, किसी भी जगह पर पानी जमा न होने दें, जैसे कूलर और गमले।
  • मच्छरों से बचाव के लिए उपचार का सेवन करें, शाम के समय दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, ताकि मच्छरों का प्रवेश न हो सके।
  • बच्चों को खासकर मच्छरों से बचाने के लिए सतर्क रहें।
  • डेंगू बुखार के दौरान खून की कमी हो सकती है, इसलिए एक स्वस्थ और संतुलित आहार लें, और पपीते के पत्तों का रस पीने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है।


यहाँ डेंगू के बारे में आमतौर पर पूछे जाने वाले कुछ सवाल हैं Frequently Asked Questions and Answers :

  1. डेंगू क्या है?
    • डेंगू एक वायरल संक्रमण है जिसे एडीज मच्छरों के माध्यम से फैलाया जाता है, मुख्यत: एडीज एजिप्टी मच्छर। इसकी वजह डेंगू वायरस है और यह फ्लू-जैसे लक्षणों का कारण बन सकता है, जैसे उच्च बुखार, तेज सरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, और खाली दर्द।
  2. डेंगू कैसे प्रसारित होता है?
    • डेंगू को मुख्यत: एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने के माध्यम से मनुष्यों को प्रसारित किया जाता है। ये मच्छर तब इस वायरस से संक्रमित होते हैं जब वे पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटते हैं।
  3. डेंगू के सामान्य लक्षण क्या होते हैं?
    • डेंगू के सामान्य लक्षण में उच्च बुखार, तेज सरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, खाली दर्द, और हल्की ब्लीडिंग शामिल हो सकती है।
  4. डेंगू को कैसे रोका जा सकता है?
    • डेंगू की रोकथाम में मच्छरों के काटने से संक्रमण का संरक्षण करने की कोशिश की जाती है। इसे मच्छरों के काटने से बचाव के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का उपयोग, लम्बी आस्तीनों वाले कपड़ों का पहनना, मॉस्किटो नेट का उपयोग, और स्थलों में मच्छरों के जन्म स्थानों, जैसे स्थिर पानी के पात्रों, को हटाने से किया जा सकता है।
  5. क्या डेंगू के लिए टीका है?
    • हां, डेंगू के लिए एक टीका है जिसे डेंगवैक्सिया के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसकी उपलब्धता और उपयोग क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकता है, और आमतौर पर वे व्यक्तियों के लिए सिफारिश की जाती है जिन्होंने पहले से डेंगू संक्रमण का अनुभव किया है।
  6. क्या डेंगू एक घातक बीमारी है?
    • हां, डेंगू घातक हो सकता है, खासकर अगर त्वरित निदान और उपचार नहीं किया जाता है। गंभीर डेंगू, जिसे डेंगू हेमोरेजिक फीवर भी कहा जाता है, जीवन के खतरनाक परिपर्णताओं का कारण बन सकता है।
  7. डेंगू का निदान कैसे होता है?
    • डेंगू का निदान रक्त परीक्षण के माध्यम से होता है, जिसमें रक्त में डेंगू वायरस या एंटीबॉडियों की पहचान होती है। डॉक्टर डायग्नोसिस बनाने के लिए रोगी के लक्षण और यात्रा का इतिहास भी विचार करते हैं।
  8. डेंगू का इलाज क्या होता है?
    • डेंगू का कोई विशिष्ट एंटीवायरल इलाज नहीं होता। लक्षणों को प्रबंधित करने और परिपर्णताओं से बचाव के लिए सहयोगी देखभाल प्रदान की जाती है। इसमें आराम, पेयपूर्ति, और दर्द निवारकों का उपयोग शामिल हो सकता है। गंभीर मामलों में, अस्पताल में चिकित्सा की जरूरत हो सकती है।
  9. क्या डेंगू को अन्य बीमारियों के साथ गलती से जोड़ा जा सकता है?
    • हां, डेंगू के लक्षण अक्सर अन्य बीमारियों जैसे चिकनगुनिया, जिका, और मलेरिया के लक्षणों के साथ मिल सकते हैं। अक्सर डायग्नोसिस की पुष्टि के लिए प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होती है।
  10. क्या डेंगू मौसमिक होता है?
    • डेंगू की बड़ी प्रमुखता हो सकती है, लेकिन यह अक्सर बरसाती मौसम के दौरान अधिक सामान्य होती है जब मच्छरों के जन्म स्थान बहुत होते हैं।
  11. क्या डेंगू को व्यक्ति से व्यक्ति तक प्रसारित किया जा सकता है?
    • डेंगू को मुख्यत: मच्छरों के माध्यम से प्रसारित होता है और यह सीधे व्यक्ति से व्यक्ति के बीच नहीं फैलता है। हालांकि जो मच्छर एक संक्रमित व्यक्ति को काटता है, वो अपनी काटने से दूसरे व्यक्ति को उसके काटने के माध्यम से वायरस को प्रसारित कर सकता है।
  12. डेंगू महामारियों के दौरान यात्रा पर रोक लगाई जाती है क्या?
    • आमतौर पर डेंगू महामारियों के दौरान यात्रा पर रोक नहीं लगाई जाती है, लेकिन यात्री को जोकर टकराने से बचाने के लिए प्रमुखता देने के लिए सावधानियां अधिक लेने की सलाह दी जाती है।

कृपया ध्यान दें कि यहाँ प्रदान की गई जानकारी सामान्य जानकारी के रूप में है और आपके डेंगू संक्रमण के मामले में डॉक्टर की सलाह और उपचार का पालन करना हमेशा सबसे महत्वपूर्ण होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *