Red Fort of Delhi History, light and sound show, ticket Price, images, Timings, Architecture, रेड फ़ॉर्ट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, Red Fort Museum | FAQ

About Red Fort:-

रेड फ़ॉर्ट (Red Fort) दिल्ली, भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। इसे हिन्दी में “लाल किला” भी कहा जाता है। यह दिल्ली के पुराने शहर में स्थित है और मुग़ल साम्राज्य के सम्राट शाहजहाँ द्वारा 17वीं सदी में बनवाया गया था।

रेड फ़ॉर्ट का नाम उसके लाल रंग की दीवारों से आता है, जो इसकी परिधान दीवारों को ढ़कने के लिए उपयोग की गई थी। यह किला मुग़ल संस्कृति की अद्वितीय वास्तुकला का प्रतीक माना जाता है और यह दुनिया धर पर एक अद्वितीय ऐतिहासिक स्थल के रूप में माना जाता है।

रेड फ़ॉर्ट के दरवाजे पर “लहोर द्वार” और “दिल्ली द्वार” होते हैं, जो इसकी मुख्य प्रवेश द्वार हैं। यह किला अपने सुंदर दीवारों, विशेष रूप से मोटी मसौन दीवारों, और भवनों के सुंदर आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्ध है।

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रेड फ़ॉर्ट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दिवान-ए-आम और दिवान-ए-ख़ास है, जो मुग़ल सम्राट के आदर्श के साथ डिज़ाइन किए गए थे। यहाँ पर शाहजहाँ के दरबारी आयोजन होते थे और सम्राट अपने प्रजा के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान किया करते थे।

रेड फ़ॉर्ट भारत के स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण प्रतीक भी है, क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में यहीं से भारतीय स्वतंत्रता के पहले दिन, 15 अगस्त को, तिरंगा झंडा फहराया था और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का आगाज़ किया था।

रेड फ़ॉर्ट अब भारत सरकार द्वारा संरक्षित है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है, जहाँ पर्यटक इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्ण वास्तुकला का आनंद लेते हैं।

Interesting Facts about Red Fort | रेड फ़ॉर्ट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-

रेड फ़ॉर्ट (Red Fort) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं:

प्रकार: स्मारक

स्थिति: UNESCO विश्व धरोहर स्थल

मूल नाम: क़िला-ए-मुबारक, जिसका अर्थ होता है ‘आशीर्वादित क़िला’ रेड फ़ॉर्ट

क्षेत्र: लगभग 256 एकड़ों क्षेत्र में फैला हुआ है

रेड फ़ॉर्ट के द्वार: दिल्ली द्वार और लाहौरी द्वार जैसे 2 प्रवेश द्वार

रेड फ़ॉर्ट का निर्माण: रेड फ़ॉर्ट का निर्माण 1638 में शुरू हुआ और 1648 में पूरा हुआ।

रेड फ़ॉर्ट कला: वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी

रेड फ़ॉर्ट के पास का मेट्रो स्टेशन: चाँदनी चौक मेट्रो स्टेशन

रेड फ़ॉर्ट स्थल: नेताजी सुभाष मार्ग, चाँदनी चौक के पास।

लाल किला दिल्ली का समय:-

सोमवार :- बंद / अवकाश

मंगलवार 9:30 सुबह – 4:30 बजे तक

बुधवार 9:30 सुबह – 4:30 बजे तक

गुरुवार 9:30 सुबह – 4:30 बजे तक

शुक्रवार 9:30 सुबह – 4:30 बजे तक

शनिवार 9:30 सुबह – 4:30 बजे तक

रविवार 9:30 सुबह – 4:30 बजे तक

Red Fort Delhi Phone:- 011 2327 7705

लाल किला दिल्ली प्रवेश शुल्क | Entry Fees of Red Fort:-

  • भारतीय नागरिकों के लिए :-व्यक्ति प्रति 35 रुपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए :-व्यक्ति प्रति 500 रुपये
  • वीडियो कैमरा के लिए :-25 रुपये
  • वीकेंड पर Light & Sound show (प्रकाश और ध्वनि शो) :-वयस्क व्यक्ति प्रति 80 रुपये
  • वीकेंड पर Light & Sound show (प्रकाश और ध्वनि शो) :बच्चे प्रति 30 रुपये
  • वीकडे पर Light & Sound show (प्रकाश और ध्वनि शो) :-वयस्क व्यक्ति प्रति 60 रुपये
  • वीकडे पर Light & Sound show (प्रकाश और ध्वनि शो) :-बच्चे प्रति 20 रुपये
  1. निर्माण वर्ष: रेड फ़ॉर्ट का निर्माण 17वीं सदी में, 1638 से 1648 ईसा पूर्व के बीच, मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा किया गया था।
  2. रेड फ़ॉर्ट का नाम: इसे “रेड फ़ॉर्ट” कहा जाता है क्योंकि इसकी दीवारें लाल रंग से ढ़की हुई हैं।
  3. विश्व धरोहर स्थल: रेड फ़ॉर्ट को 2007 में UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है।
  4. दिल्ली सल्तनत के साथी: इसे पहले “क़िला-ए-मुबारक” के नाम से जाना जाता था, और यह मुग़ल सम्राटों के आदर्शी मकान के रूप में था।
  5. राष्ट्रीय प्रतीक: रेड फ़ॉर्ट भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बन गया है, क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में इसी स्थल पर तिरंगा झंडा फहराया था और भारतीय स्वतंत्रता का आगाज़ किया था।
  6. आर्किटेक्चरल माहत्म्य: इसकी महफ़िलें, दीवारें, और दरवाज़े मुग़ल संस्कृति की श्रेष्ठ वास्तुकला का उदाहरण हैं और इसे दुनिया भर के वास्तुकारों के लिए प्रेरणास्पद माना जाता है।
  7. संरक्षण: रेड फ़ॉर्ट का संरक्षण भारत सरकार द्वारा किया जाता है, और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे वर्ष के विभिन्न समयों में दर्शन किया जा सकता है।
  8. स्वतंत्रता दिवस मेला: हर साल 15 अगस्त को, जब भारत अपनी स्वतंत्रता दिवस मनाता है, रेड फ़ॉर्ट पर भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा झंडा फहराया जाता है और एक विशेष समारोह आयोजित किया जाता है।
  9. संगठन स्थल: रेड फ़ॉर्ट भारतीय सरकार के संगठनिक कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है, और यहाँ पर विशेष समारोह और मिलनसर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  10. आदर्श प्रकार: रेड फ़ॉर्ट का आदर्श प्रकार और अद्वितीय वास्तुकला ने इसे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दिलाई है, और यह दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षक है।

रेड फ़ॉर्ट का निर्माण | History of Red Fort:-

लाल किला, जिसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और मुग़ल साम्राज्य के सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया था।

रेड फ़ॉर्ट का निर्माण:

रेड फ़ॉर्ट का निर्माण 17वीं सदी में आग़रा के लाल किले की संवाद वास्तुकला पर प्रेरित होकर शुरू हुआ था। इसका निर्माण 1638 से 1648 ईसा पूर्व के बीच हुआ था। इसकी दीवारें लाल रंग की थीं, जिससे इसका नाम “लाल किला” पड़ा।

रेड फ़ॉर्ट की महत्वपूर्ण बातें:

  • रेड फ़ॉर्ट ने मुग़ल साम्राज्य के समय में मुग़ल साम्राटों के दरबारी आयोजनों का साकारात्मक हिस्सा बनाया था।
  • इसमें दिवान-ए-आम और दिवान-ए-ख़ास जैसे महत्वपूर्ण हल्ले हुए थे, जो सम्राट के सामाजिक और शासकीय आयोजन के लिए महत्वपूर्ण थे।
  • रेड फ़ॉर्ट की दीवारें और गेट्स विशेष रूप से मोटी मसौन दीवारों के लिए प्रसिद्ध हैं और इसकी वास्तुकला मुग़ल संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
  • रेड फ़ॉर्ट भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में इसी स्थल पर तिरंगा झंडा फहराया था और भारतीय स्वतंत्रता का आगाज़ किया था।
  • रेड फ़ॉर्ट को 2007 में UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और संरक्षण का मान्यता प्राप्त हुआ है।

रेड फ़ॉर्ट अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

लाल किले का आर्किटेक्चर| Architecture of Red Fort:-

लाल किला दिल्ली का निर्माण यूसुफ़ अहमद और यूसुफ़ हामिद जैसे शिल्पकारों का काम है। आर्किटेक्चर के दृष्टिकोण से, लाल किला या लाल क़िला अपने सुनी गई योजना और प्रभावशाली संरचना के साथ दुनिया के कई स्मारकों को प्राप्त करता है। उदाहरण के लिए, यदि योजना की तुलना की जानी चाहिए, तो दिल्ली के लाल किले की योजना आगरा के लाल किले से बेहतर तरीके से की गई है।

लाल किले के बारे में पहली बात जो आपको दिखाई देगी, वह है इसकी विशाल संरचना और इसका लाल रंग। लाल किले में उपयोग किया गया पत्थर लाल पत्थर है, जिसके कारण किले का लाल रंग है। किले को बनाते समय, इसके विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका निर्माण किया गया था।

किले की सबसे ऊंची संरचना लगभग 33 मीटर की ऊंचाई में है। दिल्ली का लाल किला एक अनियमित अष्टकोण के आकार में है, जिसमें पूर्वी और पश्चिमी पक्षों के लंबे साथ ही पश्चिमी पक्ष और दक्षिणी पक्ष पर दो मुख्य द्वार हैं। किले की दीवारें और कुछ हिस्सों को लाल पत्थर से बनाया गया है, जबकि शेष हिस्सा संगमरमर का उपयोग करके बनाया गया है।

किले के कुछ प्रमुख खंड जो आपको वायुकंपीत कर देंगे, वे दीवान-ए-आम, दीवान-ए-ख़ास, तस्बीह-ख़ाना, नहर-ए-बिहिस्त, दिल्ली किला म्यूज़ियम – मुमताज़-महल, हम्माम, मोती-मस्जिद, हयात-बख्श-बाग, छत्ता-चोक, ज़फ़र-महल, रंग-महल, आदि हैं। बाद में ब्रिटिश के आगमन के साथ, लाल क़िला भी उनके शासन के तहत आया। ब्रिटिश शासन के तहत लाल क़िले में कई बदलाव हुए, फिर भी इसकी मोहक आर्किटेक्चर की कमीबख्श नहीं हो गई।
लाल किला म्यूज़ियम | Red Fort Museum:-

लाल किला के मुमताज़ महल में स्थित लाल किला पुरातात्विक संग्रहण का दिलचस्प प्रदर्शन प्रस्तुत करता है, जिसे लोकप्रिय रूप से लाल किला म्यूज़ियम या पैलेस म्यूज़ियम के रूप में जाना जाता है, जिसमें 6 गैलरीज़ हैं, प्रत्येक में एक बहुमूल्य संग्रह है।

लाल किला म्यूज़ियम में अकबर प्रथम और अन्य मुग़ल सम्राटों से संबंधित हस्तलिखित प्रतिमाएँ, पत्थर के प्रशासन, छोटी चित्रकलाएँ, राजकीय आदेश और अन्य वस्त्रादिक वस्त्रादिक का प्रदर्शन किया जाता है।

यहाँ एक अलग गैलरी है जिसमें ताबिज वस्त्र के विभिन्न आइटमों का प्रदर्शन किया जाता है, जैसे कि तलवारें, छुरियाँ, सीलेडॉन, पोर्सलेन, टाइल्स, टेक्सटाइल, ड्रेसेस, कालीन, तकिया, पर्दे, आदि।

बहादुर शाह ज़फ़र गैलरी म्यूज़ियम का सबसे दिलचस्प खंडों में से एक है। इसमें केवल आख़िरी मुग़ल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र की वस्तुएँ ही नहीं, बल्कि उनकी रानी की भी वस्तुएँ हैं। इसमें रोज़ वॉटर स्प्रिंकलर, पावर हॉर्न, शौच बक्सा, पेन होल्डर इंकपॉट, रंगून की कारागार में बहादुर शाह की फ़ोटोग्राफ़, आदि का प्रदर्शन होता है।

इस म्यूज़ियम में प्रसिद्ध दरबारी कवि जैसे मिर्ज़ा ग़ालिब के चित्र, बहादुर शाह का पत्र रानी विक्टोरिया को, बहादुर शाह और पटौदी के नवाब द्वारा प्रयुक्त होने वाले हथियार, बहादुर शाह और ज़ीनत महल का इवरी पेंटिंग, आदि हैं।

यह म्यूज़ियम अब भारतीय पुरातात्व सर्वेक्षण के सुरक्षा के तहत है।

लाल किले कॉम्प्लेक्स के अंदर, आपको हम्माम दिखाई देगा, जिसका मतलब होता है शाही स्नान के लिए स्थान। इसमें तीन प्रमुख चैम्बर हैं, जिन्हें हर कोरिडोर से अलग किया गया है। इसे संगमरमर से बनाया गया है और रंगीन पत्थर से डिज़ाइन किया गया है। हम्माम में गर्म और ठंडे पानी की प्रावधानिकता थी।

जब आप पश्चिमी ओर की ओर बढ़ते हैं, तो आपको मोती मस्जिद दिखाई देगी, जिसे मोती मस्जिद के रूप में भी जाना जाता है। इस मस्जिद ने लाल किले की मूल संरचना का हिस्सा नहीं था। इसे बाद में औरंगज़ेब ने बनवाया था। यह सम्राट औरंगज़ेब द्वारा निजी मस्जिद के रूप में प्रयुक्त किया गया था। इस मस्जिद में तांत्य की छत्रकियों के साथ तांत्य की प्लेटिंग होती है और दरवाज़ों पर उन पर तांत्य की प्लेटिंग वाले पत्तियाँ थे। मस्जिद में काले संगमरमर से बने स्लाइटली ऊंचे नमाज़ पट्टियाँ होती हैं, जिन्हें मुसल्ला के रूप में जाना जाता है।

मोती मस्जिद के उत्तर में, हयात-बख्श-बाग, लाइफ गिविंग गार्डन है। इस बगीचे को लाल किले के मुख्य संरचना के आसपास योजना बनाई गई है, जिसमें फव्वारे, सुरंगें, टैंक्स, भूदृश्य और पौधों का एक बहुमूल्य संग्रहण है। लाल किले के आंतरिक में एक छोटा बगीचा भी है, जिसे मेहताब बाग, मूनलाइट गार्डन के नाम से जाना जाता है। हयात-बख्श-बाग के बीच में एक लाल पत्थर से बनी पविलियन है, जिसे ज़फ़र महल के रूप में जाना जाता है। इसे 1842 में बहादुर शाह द्वितीय ने बनवाया था।

लाल किले दिल्ली को देखने के लिए न्यूनतम समय जो एक व्यक्ति को चाहिए है, वह लगभग 2 घंटे है, जो कि अगर आप इसके हर हिस्से को ध्यानपूर्वक ढंग से खोजने की योजना बना रहे हैं तो यह 3 या 4 घंटे तक बढ़ सकता है। कृपया कुछ समय निकालें और इस किले को आराम से देखें और लाल किले की शानदार तस्वीरें लेने के लिए काफी समय दें।

लाल किले का प्रकाश और ध्वनि शो | Light & Sound show in Red Fort:-

लाल किले की एक महत्वपूर्ण आकर्षण में से एक है रेड फ़ोर्ट लाइट एंड साउंड शो। लाल किले के लाइट और साउंड शो को हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा में आयोजित किया जाता है। 1996 में शुरू होने के बाद, यह शो शीघ्र ही दर्शकों के बीच में अत्यधिक प्रसिद्ध हुआ। इसमें प्राचीन भारत के ऐतिहासिक महत्व की झलक प्रस्तुत करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों का संयोजन किया गया है।

यह एक प्रकार का शो है, जिसकी अवधि लगभग 1 घंटे की होती है। ये शो शाम को आयोजित किए जाते हैं, इनमें उनके बीच एक घंटे का अंतर होता है। जैसे ही शो शुरू होता है, प्रकाश और संगठनित ध्वनि के साथ, लाल किले को एक प्रभावशाली दिखाई देता है। मुग़ल साम्राज्य के इतिहास और लाल किले के निर्माण में इसका प्रमुख बल होता है।

प्रकाश और ध्वनि शो के टिकट लाल किले के टिकट बूथ से खरीदे जा सकते हैं। टिकट शो के शुरू होने से पहले 1 घंटे तक उपलब्ध होते हैं।

Frequently Asked Questions and Answers:-

दिल्ली, भारत में लाल किला किसने बनवाया?

लाल किला दिल्ली को मुग़ल सम्राट शाह जहाँ ने बनवाया था जब उन्होंने मुग़ल सत्ता केंद्र को आगरा से दिल्ली में स्थानांतरित किया। शाह जहाँ ने तब जादगर उस्ताद अहमद लाहौरी को, जिन्होंने ताजमहल का निर्माण किया था, को इम्प्रेसिव लाल किले का निर्माण कार्य सौंपा।

लाल किला दिल्ली कब बना था?

दिल्ली का लाल किला 1648 में बनाया गया था। इसका निर्माण 1638 में मुहर्रम महीने में शुरू हुआ था। इसके निर्माण में लगभग 10 साल लगे।

लाल किला किस वर्ष बना था?

लाल किला का निर्माण पूरी तरह से 1648 में हुआ, जबकि निर्माण 1639 में शुरू हुआ था।

लाल किला क्यों बनवाया गया था?

लाल किला दिल्ली बनवाया गया था जब मुग़ल सम्राट शाह जहाँ ने मुग़ल साम्राज्य की राजधानी को आगरा शहर से दिल्ली में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। इसलिए, 1639 में उन्होंने यमुना नदी के किनारे, शाहजहांआबाद के उत्तर-पूर्वी भाग में, जिसे अब पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है, के पास किले का निर्माण करने का काम शुरू किया। लाल किले का निर्माण करने में लगभग दस साल लगे।

लाल किले में पार्किंग सुविधा है क्या?

लाल किले के लिए यात्रीगण के लिए पार्किंग सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ सुनेहरी मस्जिद के पास पार्किंग सुविधा है। यहाँ से यात्री लाल किले में लाहोरी गेट के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं।

लाल किले, दिल्ली का समय क्या है?

लाल किले दिल्ली का समय सुबह 9.30 बजे से लेकर शाम 4.30 बजे तक है। पर्यटक सोमवार को छोड़कर हर सप्ताह के दिन किले को देख सकते हैं।

लाल किले के आर्किटेक्ट कौन हैं?

लाल किले के आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी हैं, जिन्हें ताजमहल के आर्किटेक्ट भी कहा जाता है।

लाल किले के निर्माण में कौन-कौन से सामग्री का उपयोग हुआ?

लाल किले के निर्माण में लाल पत्थर और संगमरमर का उपयोग हुआ था।

लाल किला दिल्ली कहाँ पर स्थित है?

लाल किला दिल्ली का स्थान नेताजी सुभाष मार्ग पर है, न्यू दिल्ली। यह पुरानी दिल्ली रेलवे स्थान से लगभग 2 किलोमीटर दूर है और यह चांदनी चौक मेट्रो स्थान से लगभग 1.6 किलोमीटर की दूरी पर है।

लाल किला, दिल्ली का पता क्या है?

लाल किले, दिल्ली का पूरा पता है – नेताजी सुभाष मार्ग, चांदनी चौक, न्यू दिल्ली – 110006।

लाल किला, दिल्ली की क्षेत्रफल क्या है?

लाल किला का क्षेत्रफल 255 एकड़ है।

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