छठ पूजा क्या है | Chhath Puja kab Hai | History of Chhath Puja in India and World | Chhath puja importance | Celebration of Chhath Pooja | FAQ

यह व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। षष्ठी तिथि को छठ मनाई जाती है। साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी, वहीं छठ पूजा पर्व 17 नवंबर से शुरू होगा और 20 नवंबर को समाप्त होगा। नहाय खाय: छठ पूजा पर्व की शुरुआत 17 नवंबर 2023, शुक्रवार को होगी।

छठ पूजा क्या है: छठ पूजा का महत्व | What is Chhath puja and its importance:-

छठ पूजा, जिसे छठी या सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो विशेषकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, वर्षा और नेपाल के क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य भगवान, जिन्हें सूर्य देव भी कहा जाता है, की पूजा के लिए मनाया जाता है और इसका मतलब है कि छठ पूजा धूप, सूर्य की चाया, और सूर्य के प्रक्षिप्त से जुड़ा है।

छठ पूजा का समय नवमी और दशमी के बीच का होता है, जो कि हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में आता है, जो सामान्यत: अक्टूबर या नवम्बर में होता है। छठ पूजा की शुरुआत चैठी छठ के दिन होती है, जिसे नहाने के साथ शुरू किया जाता है, और छठी छठ के दिन समाप्त होता है, जब सूर्य की आराधना की जाती है।

छठ पूजा के दौरान, व्रती व्यक्ति उपवास रखते हैं और साफ पानी में स्नान करते हैं, उनकी आहार में व्रत के अनुसार निर्धारित खाने की अनुमति होती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय, व्रती व्यक्ति सूर्य देव की पूजा करते हैं और उनके लिए व्रत की उपयुक्त अर्घ्य (दाना) और प्रार्थनाएँ करते हैं। इस पूजा में सुना जाता है कि मां सरस्वती और भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है, जो पढ़ाई और शिक्षा के देवता माने जाते हैं।

छठ पूजा के दौरान, गाने, नृत्य, और महिलाएं खासकर साड़ियों में तैयार होती हैं और छठी की सूर्य की पूजा के दौरान उन्हें उपयुक्त गीत गाने की परंपरा होती है। छठी के दिन, व्रती व्यक्ति और उनके परिवार के लोग सूर्यास्त के समय जल छलकाकर पूजा करते हैं, जिसमें सूर्य देव का आभूषण और अर्घ्य भी शामिल होते हैं।

छठ पूजा का महत्व यह है कि यह एक सूर्य देव की पूजा है, जिसे हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। सूर्य देव के बिना जीवन की संरचना संभव नहीं है, और छठ पूजा के माध्यम से लोग उनका आभार और प्रेम व्यक्त करते हैं। इस पूजा का आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म की धार्मिकता को महत्वपूर्ण रूप से प्रकट करता है और साथ ही साथ प्राकृतिक सौन्दर्य को भी महत्व देता है।

छठ पूजा का पालन करने से लोग अपने आत्मा को शुद्ध करते हैं और सूर्य देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह पूजा एक सामाजिक और पारंपरिक आयोजन होता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य भाग लेते हैं और एक साथ आनंद मनाते हैं। इसके अलावा, छठ पूजा अपनी खास व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है, जिनमें तिलकुट, ठेकुआ, छठी छूरा, और दूधपेड़ा शामिल होते हैं।

अगर आप हिन्दू धर्म के अपने मूल तथा पारंपरिक महत्व को समझना चाहते हैं, तो छठ पूजा एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसका आयोजन दिनों की मेहनत और भक्ति के साथ किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक आयोजन है जिसमें परिवार का साथ होता है और सूर्य देव की पूजा की जाती है, जो जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

इस छठ पूजा के अवसर पर, हम सभी को अपने धार्मिक और पारंपरिक मूलों को मानने और समर्थन देने का अवसर मिलता है, और हम अपने प्रियजनों के साथ मिलकर खुशियों का आनंद लेते हैं।

इस पूजा के माध्यम से हम सूर्य देव की पूजा करके उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सफलता और सुख-शांति से भर देते हैं। छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो हमारे समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण को प्रमोट करता है और हमें हमारे पारंपरिक मूलों का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इस पूजा के माध्यम से हम अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं और एक साथ खुशियों का आनंद लेते हैं, जिससे हमारे परिवार में एक अच्छे और समरस वातावरण का निर्माण होता है।

छठ पूजा का महत्व यह है कि यह हमें सूर्य देव की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करता है, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सूर्य देव के बिना जीवन की संरचना संभव नहीं है, और छठ पूजा के माध्यम से हम उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस पूजा का आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म की धार्मिकता को महत्वपूर्ण रूप से प्रकट करता है और साथ ही साथ प्राकृतिक सौंदर्य को भी महत्व देता है।

छठ पूजा का पालन करने से लोग अपने आत्मा को शुद्ध करते हैं और सूर्य देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह पूजा एक सामाजिक और पारंपरिक आयोजन होता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य भाग लेते हैं और एक साथ आनंद मनाते हैं। इसके अलावा, छठ पूजा अपनी खास व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है, जिनमें तिलकुट, ठेकुआ, छठी छूरा, और दूधपेड़ा शामिल होते हैं।

छठ पूजा का महत्व यह है कि यह एक सूर्य देव की पूजा है, जिसे हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। सूर्य देव के बिना जीवन की संरचना संभव नहीं है, और छठ पूजा के माध्यम से लोग उनका आभार और प्रेम व्यक्त करते हैं। इस पूजा का आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म की धार्मिकता को महत्वपूर्ण रूप से प्रकट करता है और हमें हमारे पारंपरिक मूलों का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

छठ पूजा के माध्यम से हम सूर्य देव की पूजा करके उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सफलता और सुख-शांति से भर देते हैं। छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो हमारे समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण को प्रमोट करता है और हमें हमारे पारंपरिक मूलों का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इस पूजा के माध्यम से हम अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं और एक साथ खुशियों का आनंद लेते हैं, जिससे हमारे परिवार में एक अच्छे और समरस वातावरण का निर्माण होता है।

छठ पूजा का महत्व यह है कि यह हमें सूर्य देव की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करता है, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सूर्य देव के बिना जीवन की संरचना संभव नहीं है, और छठ पूजा के माध्यम से हम उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस पूजा का आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म की धार्मिकता को महत्वपूर्ण रूप से प्रकट करता है और साथ ही साथ प्राकृतिक सौंदर्य को भी महत्व देता है।

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पूरे देश में छठ महोत्सव का आयोजन | Celebration of Chhath Pooja through-out the country:-

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव की पूजा और आराधना के रूप में मनाया जाता है और भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। छठ पूजा का महोत्सव वर्ष के नवंबर-दिसंबर के महीनों में आयोजित होता है और इसकी तैयारियों और धार्मिक अहमियत को सबसे अधिक सावधानी और समर्पण के साथ किया जाता है।

छठ पूजा का महत्व बिहार और झारखंड के साथ-साथ भारतीय सबके भागों में बढ़ता जा रहा है। इस पर्व का आयोजन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, और अन्य शहरों में भी बड़े ही धूमधाम से किया जाता है। यह दिखाता है कि छठ पूजा का महत्व भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को प्रमोट करने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और एकता को भी बढ़ावा देता है।

छठ पूजा के महोत्सव के दौरान, लोग अपने घरों को सजाते हैं, त्योहार की तैयारियों में जुटते हैं और सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित होते हैं। सड़कों पर सजावट, रंगीन झूले, और आला डेकोरेशन के साथ छठ घाट की व्यवस्था की जाती है।

छठ पूजा का महोत्सव अपने विशेष तरीके से मनाया जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय, छठ व्रती नदी या तालाब के किनारे जाकर खड़े होते हैं और वहाँ सूर्य देव का पूजन करते हैं। इसके बाद, पूजा के अनुसार व्रतीगण सूर्य देव के आगे आर्गिया देते हैं, जिसमें दीपक, फल, और अन्य प्रसाद शामिल होते हैं।

छठ पूजा के महोत्सव के दौरान खास प्रकार के प्रसाद तैयार किए जाते हैं, जैसे कि घीया की खीर, चना दाल, ठेकुआ, खजूर, गन्ना, और दूधी के बर्तन। यह प्रसाद व्रतीगण को अपने व्रत का पालन करते समय मिलते हैं और इसे बड़े ही आनंद से स्वाद करते हैं।

छठ पूजा का महोत्सव का उद्देश्य सूर्य देव के प्रति आदर और भगवान की कृपा की प्राप्ति है, जिससे लोग खुद को शुद्ध करते हैं और सूर्य देव से अपने जीवन में नेत्रदान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

छठ पूजा का महोत्सव भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह दिखाता है कि हमारे देश में विविधता और एकता का आदर किया जाता है। छठ पूजा के महोत्सव का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को प्रमोट करने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और एकता को भी बढ़ावा देता है, और यह सूर्य देव की महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाता है, जो हमारे जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

छठ पूजा का इतिहास: भारत और विश्व में | History of Chhath puja in India and World:-

छठ पूजा, एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, जिसका मुख्य उद्देश्य सूर्य देव की पूजा करना है। यह पर्व भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ क्षेत्रों में खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, वर्षा, और नेपाल में मनाया जाता है, जहाँ लोग सूर्य देव की कृपा और आशीर्वाद के लिए इसे मनाते हैं। छठ पूजा का इतिहास हमें इस पारंपरिक पर्व के महत्व और मूल तात्त्विकता को समझने में मदद करता है।

छठ पूजा का प्राचीन इतिहास:

छठ पूजा का प्राचीन इतिहास भारतीय समृद्धि और सांस्कृतिक विकास के साथ जुड़ा है। इस पर्व का प्रारंभिक इतिहास क्रिस्तपूर्ण शक के प्रारंभिक दिनों में जाता है, जब यह पर्व विशेष रूप से मां सरस्वती और सूर्य देव की पूजा के रूप में मनाया जाता था। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव के आशीर्वाद का प्राप्त करना और बुराई से मुक्ति प्राप्त करना होता था।

छठ पूजा का इतिहास भारत:

छठ पूजा का इतिहास भारत में गहरी पारंपरिकता के साथ जुड़ा हुआ है। इस पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है बिहार की सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का। छठ पूजा के आयोजन के दौरान, परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर सूर्य देव की पूजा करते हैं और सूर्य देव के आगे व्रत रखते हैं। यह पर्व बिहार के पर्वाही समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहाँ तक कि उनकी शादियों में भी छठ पूजा का आयोजन होता है।

छठ पूजा का इतिहास विश्व में:

छठ पूजा का इतिहास विश्व में भी मौजूद है, खासकर वर्षा और नेपाल क्षेत्रों में। नेपाल में इसे ‘छठ पर्व’ के नाम से मनाया जाता है और यहाँ भी सूर्य देव की पूजा का हिस्सा है। इसे नेपाली समुदाय में गर्मी के मौसम के साथ बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, और लोग अपने आप को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संरक्षित महसूस करते हैं।

छठ पूजा का इतिहास विश्व में यह दिखाता है कि सूर्य देव की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके प्राकृतिक तात्त्विकता की महत्वपूर्ण प्रतीकता के रूप में यह पर्व मनाया जाता है। छठ पूजा के माध्यम से लोग अपने जीवन को शुद्ध करते हैं और सूर्य देव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

इस पर्व के माध्यम से हम अपने पारंपरिक मूलों का सम्मान करते हैं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ सांघ कर खुशियों का आनंद लेते हैं। छठ पूजा का इतिहास हमें धार्मिक और सांस्कृतिक संदेश को समझने और अपने जीवन में इसका महत्व समझने में मदद करता है, और यह एक ऐसा पर्व है जो हमारे समाज में आपसी सद्भाव और सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करता है।

निष्कर्ष | Summary:

छठ पूजा का इतिहास भारत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में दिखाता है कि सूर्य देव की पूजा के इस महत्वपूर्ण पर्व का महत्व उनके प्राकृतिक और धार्मिक महत्व को प्रकट करता है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और आध्यात्मिक आयोजन है जो हमारे पारंपरिक मूलों का सम्मान करता है और हमें सूर्य देव के प्रति अपनी भक्ति और आदर का अभिवादन करने का मौका देता है।

Frequently Asked Questions and Answers | छठ पूजा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :

  1. छठ पूजा क्या है?
    • छठ पूजा एक हिंदू पर्व है जिसमें सूर्य देव की पूजा और आराधना की जाती है। यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, वर्षा, और नेपाल में मनाया जाता है।
  2. छठ पूजा कब मनाई जाती है?
    • छठ पूजा का आयोजन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर किया जाता है, जो नवंबर-दिसंबर के आसपास होती है।
  3. छठ पूजा का महत्व क्या है?
    • छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा करके भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं, और यह पर्व बुराई से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
  4. छठ पूजा की तैयारी कैसे की जाती है?
    • छठ पूजा के लिए सबसे पहले व्रती विशेष तरीके से सजकर नहाते हैं, और उनके बाद व्रत के दौरान व्रती व्रत का पालन करते हैं, जैसे कि उपवास, और सूर्य देव की पूजा करते हैं।
  5. छठ पूजा में कौन-कौन से रस्म होते हैं?
    • छठ पूजा में नहाय-खाय, खरना खाना, आर्गिया देना, छठ व्रती के साथ सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजा करना जैसी विशेष रस्में होती हैं।
  6. छठ पूजा के अवसर पर कौन-कौन से प्रसाद तैयार किए जाते हैं?
    • छठ पूजा के दौरान विशेष प्रकार के प्रसाद तैयार किए जाते हैं, जैसे कि घीया की खीर, चना दाल, ठेकुआ, खजूर, गन्ना, और दूधी के बर्तन।
  7. छठ पूजा के पर्व में क्या महत्व है?
    • छठ पूजा में पर्व के दौरान परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर सूर्य देव की पूजा करते हैं और सूर्य देव के आगे व्रत रखते हैं। यह पर्व अपने परिवार के संग खुशियों का आनंद लेने का मौका प्रदान करता है और धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रमोट करता है।
  8. छठ पूजा के पर्व की विशेषता क्या है?
    • छठ पूजा का अद्वितीय त्योहार है जिसमें सूर्य की पूजा की जाती है, जिसका मुख्य उद्देश्य सूर्य देव के आशीर्वाद का प्राप्त करना और बुराई से मुक्ति प्राप्त करना होता है।
  9. क्या छठ पूजा केवल बिहार और झारखंड में होती है?
    • नहीं, छठ पूजा केवल बिहार और झारखंड में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, वर्षा, और नेपाल जैसे भारतीय राज्यों और क्षेत्रों में भी मनाई जाती है।
  10. छठ पूजा का इतिहास क्या है?
    • छठ पूजा का इतिहास प्राचीन है और इसमें सूर्य देव की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके प्राकृतिक तात्त्विकता की प्रतीकता है। इसे भारत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है और धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रकट करता है।
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