एस. सोमनाथ की बायोग्राफी कौन है, पूरा नाम, जीवन परिचय, योग्यता, हिस्ट्री, इसरो, एजुकेशन, सैलरी, फॅमिली (S. Somanath Biography) (Full Name, ISRO Chairman, Wife, Family, Qualification, Salary, Net Worth, Chandrayan-3, History)

श्रीधर पाणिकर सोमनाथ (जन्म: जुलाई 1963), जिन्हें एस. सोमनाथ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियर हैं और वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के पद पर सेवानिवृत्ति कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में, इसरो ने तीसरे भारतीय चंद्रयान अन्वेषण मिशन, जिसका नाम चंद्रयान-3 है, का आयोजन किया। इस के प्रतिष्ठित प्रायोजन में विक्रम नामक लैंडर और प्रज्ञान नामक रोवर को 23 अगस्त 2023 को 18:04 IST पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के करीब स्थानांतरित किया, जिससे भारत को सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास अंतरिक्ष यान उतरने का पहला देश बनाने का मान प्राप्त हुआ और मून पर सॉफ्ट लैंडिंग का दिखाया दूसरा देश बना।

सोमनाथ ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, थिरुवनंतपुरम के निदेशक के पद की सेवा की और उसी तरह थिरुवनंतपुरम के तरल प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक भी रहे। सोमनाथ के प्रमुख योगदान शुन्याकरण वाहन डिज़ाइन में है, खासकर प्रक्षिप्त वाहन प्रणाली इंजीनियरिंग, संरचनात्मक डिज़ाइन, संरचनात्मक गतिकी, और पायरोटेक्निक्स के क्षेत्र में।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सोमनाथ का जन्म एक मलयाली तियर परिवार में हुआ था, जिनके माता-पिता के नाम वी. श्रीधर पाणिकर थे, जो उनके समय के प्रसिद्ध हिंदी शिक्षक थे, और थंकम्मा थीं, जो केरल के थुरवूर में हुआ था।

सोमनाथ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट ऑगस्टीन के हाई स्कूल, अरूर से की और अपनी पूर्व-विश्वविद्यालय की प्रोग्राम को महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम से पूरा किया। उन्होंने थांगल कुंजू मुसलियार इंजीनियरिंग कॉलेज, कोल्लम, केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की, जिसमें गतिकी और नियंत्रण में विशेषज्ञता थी।

एस सोमनाथ की बायोग्राफी (S. Somanath Biography in Hindi)

नाम: एस सोमनाथ

पूरा नाम: श्रीधर पाणिकर सोमनाथ

जन्म: 1963

जन्म स्थान: अरूर आलप्पुझा, केरल

धर्म: हिंदू

जाति: अज्ञात

वैवाहिक स्थिति: विवाहित

पेशा: इसरो के चेयरमैन

शिक्षा: स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएशन

कॉलेज: टीकेएम कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग कोल्लम, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस बेंगलुरु

पता: एम- 13, मुरली नगर, तिरुअनंतपुरम-695022, अंबालामुक्कू, पेरूरकड़ा, केरल, इंडिया

एस सोमनाथ का पेशेवर जीवन (S. Somanath Career)

सोमनाथ ने साल 1985 में इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) में शामिल होकर अपना पेशेवर करियर शुरू किया। उन्होंने इस संस्था में विभिन्न पदों पर काम किया है। उनके पद समेत – प्रोजेक्ट मैनेजर-पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV), संरचना एंटिटी/प्रोपल्शन और स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के उपनिदेशक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जियोसिंक्रोनस सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV Mk-III) आदि।

सोमनाथ ने अपने पेशेवर करियर के प्रारंभिक चरण में पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल प्रोजेक्ट से जुड़ा और 2014 के नवंबर माह तक उन्होंने प्रपोजिशन एंड स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के उपनिदेशक के पद पर भी कार्य किया।

सोमनाथ ने 2015 के जून महीने में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया, जिनकी जिम्मेदारी लॉन्च व्हीकल और स्पेस कार्यक्रम के लिए लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम के डिजाइन की थी।

सूचना के अनुसार, सोमनाथ पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के डायरेक्टर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। यह केंद्र, भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन का प्रमुख केंद्र है जो लॉन्च व्हीकल के डिजाइन के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में काम किया है, जैसे: चंद्रयान-1: भारत का पहला चंद्र मिशन, चंद्रयान-2: भारत का दूसरा चंद्र मिशन, जिसमें चंद्रमा की सतह पर लैंडर और रोवर को सफलतापूर्वक उतारा गया और तीसरा गगनयान: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन।

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एस सोमनाथ का पेशेवर जीवन (S. Somanath Career)

सोमनाथ ने सन् 1985 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) में शामिल होकर अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। उन्होंने इस संस्था में विभिन्न पदों पर काम किया, जैसे कि – प्रोजेक्ट मैनेजर-पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी), संरचना एंटिटी/प्रोपल्शन और स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के उपनिदेशक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जियोसिंक्रोनस सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी मैक-III) आदि।

सोमनाथ ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआती चरण में पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल प्रोजेक्ट से भी जुड़ा और 2014 के नवंबर तक वह प्रपोजिशन एंड स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर भी कार्य कर रहे थे।

सोमनाथ ने 2015 के जून महीने में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया, जो लॉन्च व्हीकल और स्पेस कार्यक्रम के लिए लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम के डिज़ाइन के लिए जिम्मेदार था।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि, सोमनाथ पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से भी उनके डायरेक्टर के पद पर जुड़े थे। यह केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का प्रमुख केंद्र है, जिसकी जिम्मेदारी लॉन्च व्हीकल के डिज़ाइन की है।

उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में काम किया है, जिनमें शामिल हैं: चंद्रयान-1: भारत का पहला चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-2: भारत का दूसरा चंद्रमा मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर लैंडर और रोवर को सफलतापूर्वक उतारा और तीसरा गगनयान: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन

एस सोमनाथ की सैलरी (S. Somanath Salary)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष का पद संभालना कोई छोटी बात नहीं है। सोमनाथ की उच्च शिक्षा और विशेषज्ञता के आधार पर उन्हें एक अच्छी सैलरी प्राप्त होती है। उनके प्राधिकृत पढ़ाई-लिखाई और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में उनके विशेषज्ञता के कारण, उनकी मासिक सैलरी लगभग 2.5 लाख रुपये के करीब हो सकती है। वर्तमान में, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष के पद पर हैं।

एस सोमनाथ की नेट वर्थ (S. Somanath Net Worth)

सोमनाथ की उच्च कामकाजीता और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में उनकी मेहनत से उनकी नेट वर्थ बढ़ी है। उनकी आमदनी और समर्पण से उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के माध्यम से भी अच्छी कमाई की है। आधारित जानकारी के अनुसार, उनकी कुल नेट वर्थ वर्तमान समय में लगभग 3 से 5 करोड़ रुपये के करीब हो सकती है। वे एक साधारण और अपने काम में समर्पित व्यक्ति हैं, जिन्हें सोशल मीडिया का अधिक उपयोग नहीं करते हैं।

एस सोमनाथ के पुरस्कार (S. Somanath Awards)

उनके उत्कृष्ट काम और विशेषज्ञता के परिणामस्वरूप सोमनाथ को उनके पेशेवर करियर के दौरान कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्हें एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा स्पेस गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है। इसके अलावा, भारतीय नेशनल एकेडमी ऑफ़ इंजीनियरिंग द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया है। सोमनाथ को 2014 में परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवार्ड और उसी साल में टीम एक्सीलेंस अवार्ड भी प्राप्त हुआ है। यह अवार्ड उन्हें जीएसएलवी मैक-III के लिए सम्मानित किया गया था। सोमनाथ को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें निम्नलिखित हैं –

  • पद्मश्री (2022)
  • शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार (2021)
  • डी.एस. कोठार पुरस्कार (2020)
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन वैज्ञानिक पुरस्कार (2019)

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एस सोमनाथ चंद्रयान-3 (S. Somnath Chandrayan-3)

श्रीधर सोमनाथ, जिन्हें चंद्रयान-3 के मास्टरमाइंड माना जाता है, को यह पद सौंपा गया है। उन्हें सन् 2022 के 14 जनवरी को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की कमान सौंपी गई थी। इस पद की कार्यकाल 3 साल का है। आपको बताना चाहेंगे कि के. सिवान के कार्यकाल के बाद सोमनाथ को इस पद पर नियुक्त किया गया है।

इसरो के चंद्रयान-3 पर काम करने वाले एस सोमनाथ जी को बड़ी सफलता हासिल हुई है। इसरो द्वारा लांच किए गए चंद्रयान-3 का चंद्र पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो गई है। इसके परिणामस्वरूप मोदी जी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से फ़ोन करके बधाई दी है।

एस सोमनाथ – इसरो के चेयरपर्सन (S. Somanath ISRO Chairman)

श्रीधर सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके पद के अंतर्गत, वे टेक्नोलॉजी, नीति निर्माण आदि पर ध्यान केंद्रित करेंगे। साथ ही, उन्हें अंतरिक्ष के इकोसिस्टम को उद्योग में विस्तारित करने का काम भी करना होगा। उन्हीं के साथ, वे अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी हैं। पहले, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में डायरेक्टर के पद पर काम किया था। उनकी नेतृत्व में, इसरो ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्हें इसरो के नए चेयरपर्सन के रूप में एक उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद है।

Frequently Asked Questions and Answers:

प्रश्न: इसरो का नया अध्यक्ष कौन है?

उत्तर: सोमनाथ को इसरो का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

प्रश्न: डॉक्टर सोमनाथ कौन है?

उत्तर: डॉक्टर सोमनाथ एक इसरो साइंटिस्ट और इसरो संस्थान के नए और दसवें अध्यक्ष हैं।

प्रश्न: 2008 में इसरो के अध्यक्ष कौन थे?

उत्तर: 2008 में इसरो के अध्यक्ष के रूप में के राधाकृष्णन थे।

प्रश्न: इसरो के डायरेक्टर कौन है?

उत्तर: श्रीधर पाणिकर सोमनाथ इसरो के डायरेक्टर हैं।

प्रश्न: इसरो का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: इसरो का पूरा नाम “इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन” है।

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