वास्तु दोष दूर करने के उपाय | वास्तु दोष के प्रकार | वास्तु दोष का समाधान | साउथईस्ट (सेवार्थ) का वास्तु दोष: समस्याएं और उपाय | वास्तु दोष और उपाय: साउथवेस्ट और नॉर्थईस्ट | वास्तु दोष से बचने के लिए घर में करें ये बदलाव | पौधों से दूर करें वास्तु दोष | FAQ
वास्तु दोष दूर करने के उपाय | Remedies for Removing Vaastu Dosha:–
भारतीय वास्तु शास्त्र में गृह और डिज़ाइन की परंपरा का महत्वपूर्ण स्थान है। हालांकि, जब वास्तु सिद्धांतों का सही रूप से पालन नहीं किया जाता है, तो यह वास्तु दोषों का निर्माण कर सकता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डाल सकते हैं। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है जो हमारे जीवन को समृद्धि, सुख, और शांति के साथ भर देने का वादा करता है।
यह विज्ञान वास्तु दोष के माध्यम से घर या किसी भी निर्माण के असंतुलन को समाधान करता है। वास्तु दोष उन गलतियों का संदर्भ है जो घर में होती हैं और जो हमारे जीवन को अविश्रामित बना सकती हैं। इस ब्लॉग में, हम घर और बाहर के विभिन्न प्रकार के वास्तु दोषों का विश्लेषण करेंगे, और उनके प्रभाव को शांत करने के लिए उपायों की चर्चा करेंगे।
वास्तु दोष के प्रकार | Vaastu Dosh Types:–
- उत्तर-पूर्व (ईशान) दोष: यह दोष उत्तर-पूर्व दिशा में अव्यवस्थित चीज़ों, भारी संरचनाओं या सेप्टिक टैंक के कारण होता है। इससे आर्थिक अस्थिरता, स्वास्थ्य समस्याएँ, और आध्यात्मिक विकास में बाधाएँ हो सकती हैं।
- दक्षिण-पश्चिम (नैरूत्य) दोष: यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी वस्तुएं, शौचालय, या भूमिगत जल टैंक हो, तो यह परिवार में विवाद, आर्थिक हानि, और जीवन में स्थिरता की कमी का कारण बन सकता है।
- दक्षिण-पूर्व (अग्नेय) दोष: दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोई, इलेक्ट्रिकल उपकरण, या शौचालय का स्थानांतरण आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्याएँ, और आवश्यकता के अनुसार स्थानांतरित कर सकता है।
वास्तु दोष का समाधान | Vaastu Dosh Remedy:–
- उत्तर-पूर्व (ईशान) दोष का समाधान: उत्तर-पूर्व क्षेत्र को साफ करें और इसे स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए चेक करें। प्रार्थना, ध्यान और ध्यान की व्यायाम को यहां बढ़ावा दें।
- दक्षिण-पश्चिम (नैरूत्य) दोष का समाधान: दक्षिण-पश्चिम दिशा में सामंजस्य, स्थिरता और सुख बढ़ाने के लिए भारी चीज़ों को हटाएं।
- दक्षिण-पूर्व (अग्नेय) दोष का समाधान: रसोई और इलेक्ट्रिकल उपकरणों को दक्षिण-पूर्व दिशा से हटाएं और शौचालय को अद्यतन करें।
साउथईस्ट (सेवार्थ) का वास्तु दोष: समस्याएं और उपाय:–
वास्तु शास्त्र में साउथईस्ट दिशा का खास महत्व होता है। इस दिशा के दोष से विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यहां हम इस विषय पर चर्चा करेंगे और संभावित उपायों के बारे में विचार करेंगे।
साउथईस्ट वास्तु दोष के लक्षण:-
- धन की समस्या: इस दिशा के दोष से व्यक्ति के धन में गिरावट हो सकती है।
- काम की समस्या: यह दोष काम से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं: इस दिशा के दोष से स्वास्थ्य की समस्याएं भी हो सकती हैं।
साउथईस्ट वास्तु दोष के उपाय:-
- पाइप की समस्या का समाधान करें: अगर पाइप में कोई समस्या है, तो उसे ठीक करें।
- अग्नि को बढ़ावा दें: इस दिशा में अग्नि का उपयोग बढ़ाएं।
- कचरा स्थल का स्थान बदलें: कचरा स्थल को इस दिशा से हटाकर दूसरी जगह पर रखें।
- पेट्रोल पंप या वितरण केंद्र बनाएं: इस दिशा में पेट्रोल पंप या वितरण केंद्र बनाएं।
- स्वास्थ्य सुधारें: साउथईस्ट दिशा में बर्तनों को सुरक्षित रखें और सफाई करें।
ये उपाय आपकी साउथईस्ट वास्तु दोष से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकते हैं और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।
वास्तु दोष और उपाय: साउथवेस्ट और नॉर्थईस्ट:–
साउथवेस्ट वास्तु दोष:–
- लक्षण: अस्थिरता, परिवारिक संबंधों में असमंजस, धन संबंधी समस्याएं।
- उपाय:
- साउथवेस्ट क्षेत्र में भारी वस्तुओं को रखें।
- पति-पत्नी के कमरे की वास्तु को सुधारें।
- साउथवेस्ट में गर्म पदार्थ जैसे कि जल का स्थान बनाएं।
नॉर्थईस्ट वास्तु दोष:–
- लक्षण: स्वास्थ्य समस्याएँ, शिक्षा में असफलता, आर्थिक संकट।
- उपाय:
- नॉर्थईस्ट क्षेत्र में पूजा स्थल बनाएं।
- प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करें।
- एक छोटा जल धारा या जल प्रवाहिका लगाएं।
ये उपाय आपके घर की ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं और आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुछ खास शुभ काम बताए गए हैं। घर में कोई वास्तु दोष है तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। वास्तु दोषों की वजह से किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
- घर का मेन गेट हमेशा साफ रखें। मुख्य द्वार पर रात में भी पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। ऐसा करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- अगर संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज जरूर बनवाएं। जिससे बाहर का कचरा अंदर आने से रुकेगा। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।
- मेन गेट पर गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर या स्टीकर आदि लगाए जा सकते हैं। अगर आप चाहें तो दरवाजे पर ऊँ भी लिख सकते हैं। दरवाजे पर शुभ चिह्न बनाने से देवी-देवताओं की कृपा घर पर बनी रहती है।
- दरवाजे के ठीक सामने फूलों की सुंदर फोटो लगाएं। सूरजमुखी के फूलों की फोटो लगाएंगे ज्यादा अच्छा रहता है।
- घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में कभी भी अंधेरा न रखें। वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्व न जलाएं।
- घर में शांति बनाए रखनी चाहिए। किसी भी प्रकार का क्लेश नकारात्मकता बढ़ाता है। लड़ने-झगड़ने से परिवार वास्तु दोष भी बढ़ते हैं।
- घर के आस-पास अगर कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। इसकी वजह से वास्तु दोष बढ़ती हैं।
- परेशानियों को दूर करने के लिए रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए और नहाने के बाद सूर्य को जल जरूर चढ़ाएं।
- रोज सुबह-शाम घर में कुछ देर मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप से वातावरण की सकारात्मकता बढ़ती है।
- रोज सुबह-शाम जब भी खाना बनाएं तो गाय और कुत्ते के लिए रोटी जरूर निकालें।
वास्तु दोष से बचने के लिए घर में करें ये बदलाव:–
दीवार में न चिपकाएं तस्वीर:-
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दीवार में तस्वीरें या पोस्टर नहीं चिपकाना चाहिए। वास्तु के हिसाब से इससे सबसे ज्यादा वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
मंदिर में न रखें ऐसी मूर्तियां:-
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मौजूद पूजा घर सदस्यों के जीवन पर सबसे अधिक असर डालते हैं। इसलिए मंदिर में कभी भी ऐसी मूर्ति या तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए, जिससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसलिए घर में कभी भी मां काली, खड़ी मुद्रा में मूर्तियों के अलावा ऐसी मूर्तियां न रखें जो खंडित या टूटी हो।
इन ओर न खुलें दरवाजा और खिड़कियां:-
घर में मौजूद खिड़कियों और दरवाजे को कभी भी ऐसा नहीं बनाना चाहिए जो खोलते समय बाहर की ओर खुलें। इस तरह दरवाजे खुलने से घर के मुखिया को मानसिक तनाव के साथ कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दरवाजे और खिड़कियां हमेशा अंदर की ओर खुलना चाहिए। इससे वास्तु दोष नहीं होता है।
घर में न आने दें ये पक्षी:-
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस घर में चमगादड़ का वास होता है वहीं पर हमेशा वास्तु दोष रहता है। एक बार चमगादड़ आने पर करीब 15 दिनों तक वास्तु दोष रहता है। इसलिए ऐसा कोई उपाय करना चाहिए, जिससे वह घर में न आएं।
ऐसा न हो किचन का द्वार:-
वास्तु दोष के अनुसार, घर में मौजूद किचन का दरवाजा इस तरह नहीं होना चाहिए कि सामने चूल्हा रखा हो। वास्तु के अनुसार ये वास्तु दोष का कारण माना जाता है।
पौधों से दूर करें वास्तु दोष:-
वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत से पौधे ऐसे होते हैं जिनसे घर में फैली नकारात्मकता फौरन ही दूर हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप भी घर से नकारात्मक ऊर्जा को भागना चाहते हैं तो घर पर तुलसी, नीम, मनी प्लांट, शमी और बेल का पौधा लगाएं।
झूला लगाएं:-
आपने कई घरों में झूला लगा हुआ जरूर देखा होगा। दरअसल वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर झूले का उपयोग करने पर घर पर फैला अशुभ शक्तियां दूर हो जाती हैं। वास्तु के अनुसार घर के उत्तरी हिस्से में झूलना लगाना शुभ साबित होता है।
नियमित करें साफ-सफाई:-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी वहीं पर निवास करती हैं जहां पर साफ-सफाई और स्वच्छता रहती है। ऐसे में वास्तु दोष को कम करने के लिए घर की नियमित रूप से सफाई जरूर करें। घर के दरवाजे और खिड़कियों की नियमित रूप से साफ-सफाई करने पर घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
पूजा में घंटी का इस्तेमाल:-
जिन घरों में नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा होती है और घंटी बजाई जाती है वहां पर वास्तु दोष नहीं पैदा होता है। घर पर नियमित रूप से घंटी बजाने पर सकारात्मकता बनी रहती है।
शंख बजाने के फायदे:-
हिंदू धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र चीज माना गया है। जिन घरों में शंख रखा होता है और उसकी पूजा होती है वहां पर वास्तु दोष नहीं होता है। रोजाना शंख बजाने पर घर से नकारात्मकता दूर होती है।
घर में आर्थिक तंगी की वजह हो सकते हैं ये वास्तु दोष, चेक कीजिए, आपके घर में तो नहीं हैं:
कई बार ऐसा होता है कि कुछ घरों में पैसों की तंगी लगातार बनी ही रहती है। पति-पत्नी दोनों मिलकर कमाते हैं उसके बाद भी घर में आर्थिक तंगी खत्म होने का नाम नहीं लेती। फालतू चीजों में पैसे खर्च हो जाते हैं और आप चाहकर भी पैसों की बचत जरा भी नहीं कर पाते हैं। वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार आपके घर में मौजूद वास्तु दोष आर्थिक तंगी की वजह हो सकते हैं। हम आपको ऐसे ही कुछ वास्तु दोष बताने जा रहे हैं ताकि आप भी इन्हें चेक करके दूर कर सकें।
बेडरूम में बिस्तर के सामने आईना
बेडरूम में बिस्तर के सामने आईना होना बहुत ही गलत माना जाता है। यह वास्तु दोष होने की एक बड़ी वजह है। अगर आपके घर में भी ऐसा है तो इसे अभी बदल दें। ऐसे घरों में अक्सर पति और पत्नी में झगड़ा होता है और सुख शांति का अभाव बना रहता है। भूलकर भी बिस्तर के सामने आईना न लगाएं। इसे हटा पाना संभव न हो तो ढक दें।
किचन में एक ही दिशा में गैस स्टोव और जल स्रोत
अगर आपके घर में किचन में एक ही दिशा में गैस स्टोव और पानी का स्रोत है तो यह भी एक बड़ा वास्तु दोष है। इसे तुरंत सही कर लें। रसोई में गैस स्टोव को दक्षिण दिशा में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिशा में रखने से आपसी संबंध मधुर बने रहते हैं और पैसों की कमी नहीं होती।
Frequently Asked Questions and Answers (FAQ) | वास्तु दोष के बारे में प्रश्नों का संग्रह:
प्रश्न: वास्तु दोष क्या है?
उत्तर: वास्तु दोष वास्तु शास्त्र में उन असंतुलनों को संदर्भित करता है जो एक निर्माण या घर के वास्तु में होते हैं और जो नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
प्रश्न: वास्तु दोष किस प्रकार का होता है?
उत्तर: वास्तु दोष अलग-अलग प्रकार के होते हैं, जैसे दक्षिण-पश्चिम दोष, उत्तर-पूर्व दोष, और दक्षिण-पूर्व दोष, जो विभिन्न प्रभावों का कारण बन सकते हैं।
प्रश्न: वास्तु दोष के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
उत्तर: वास्तु दोष से विभिन्न प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं, जैसे आर्थिक अस्थिरता, परिवारिक विवाद, स्वास्थ्य समस्याएँ, और आत्मिक असंतुलन।
प्रश्न: वास्तु दोष को कैसे दूर किया जा सकता है?
उत्तर: वास्तु दोष को दूर करने के लिए कुछ सामान्य उपाय हो सकते हैं, जैसे समाधान के रूप में घर की साफ-सफाई, वास्तु दोष निवारण, और वास्तुशास्त्र के मार्गदर्शन का अनुसरण।
प्रश्न: वास्तु दोष को रोकने के लिए कौन-कौन से सामान्य सूचकांक हो सकते हैं?
उत्तर: कुछ सामान्य सूचकांक जैसे कि स्वच्छता, स्थिरता, प्राकृतिक प्रकाश, और उचित वास्तुशास्त्र के मानकों का पालन करना वास्तु दोष को रोकने में मदद कर सकता है।
प्रश्न: वास्तु दोष को दूर करने के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?
उत्तर: घरेलू उपायों में घर की सफाई, वास्तु दोष निवारण के लिए उपयुक्त स्थान पर स्थापना, और नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करने के लिए यंत्र या रूपांतरण उपाय शामिल हो सकते हैं।
वास्तु दोषों के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए, वास्तुशास्त्र विशेषज्ञों से संपर्क करना भी उपयुक्त हो सकता है।