Site icon LEARN WITH NISHA

रक्षाबंधन पर निबंध, शायरी,इतिहास| How to Celebrate Raksha Bandhan 2023 Essay, History in Hindi

रक्षाबंधन  पर निबंध, हिंदी शायरी, कविता (Raksha Bandhan Par Nibandh, Shayari, History in Hindi) | FAQ

रक्षाबंधन का इतिहास

रक्षाबंधन एक प्राचीन भारतीय परंपरागत त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इसका इतिहास हमें महाभारत काल में मिलता है, जोकि हिंदी महाकाव्य महाभारत में वर्णित है।

महाभारत में रक्षाबंधन की कथा

महाभारत के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी भांजी द्रौपदी की मदद के लिए अपने हाथ की एक छोटी सी टुकड़ी छोड़ दी थी। द्रौपदी बहन थीं श्रीकृष्ण की और उनके प्यार की वजह से ही उन्होंने उस छोटी सी टुकड़ी को अपने साथ रखा था। जब कौरवों ने द्रौपदी का चीरहरण किया और उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया, तो द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण की तरफ मुड़कर उनसे मदद की आवश्यकता का इशारा किया। भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी चिंता की और तुरंत वहाँ पहुँचकर द्रौपदी की साड़ी अत्यन्त असमर्थता के बावजूद असीम रूपों में बढ़ने लगी। इस प्रकार, भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की इज्जत की रक्षा की और उनके बचाव के लिए अपनी सहायता की।

कृष्ण और द्रौपदी का संबंध

इस कथा से ही रक्षाबंधन का पर्व जुड़ता है। इसके बाद द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने भाई की तरह भाई मानकर उन्हें रक्षाबंधन के रूप में अपने कलाई पर एक धागा बांधा। भगवान श्रीकृष्ण ने उनके इस प्यार और स्नेह का समर्थन किया और उन्हें वचन दिया कि वे हमेशा उनके साथ होंगे और उनकी सहायता करेंगे। इस प्रकार, उनके बीच एक अत्यधिक प्रेम और संबंध बन गए, जिन्होंने रक्षाबंधन को एक आपसी आदर्श बनाया।

आधुनिक रूप में रक्षाबंधन

आजकल, रक्षाबंधन एक परंपरागत त्योहार के रूप में ही नहीं, बल्कि एक आधुनिक दृष्टिकोण से भी मनाया जाता है। यह समय होता है जब भाई-बहन अपने व्यस्त जीवन में भी एक-दूसरे के साथ अपने प्यार और संबंध की देखभाल करते हैं। राखी बांधने की परंपरा, उनके संबंधों को मजबूत करने और प्यार भरे बंधन को दर्शाती है।

घर बैठे पैसे कैसे कमायें Click Here

रक्षाबंधन: भाई-बहन के प्यार की अनमोल बंधन

प्रिय पाठकों,

भारतीय संस्कृति में विभिन्न त्योहार और उत्सवों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, और रक्षाबंधन एक ऐसा ही प्रसिद्ध त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और बंधन को मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह त्योहार पूरे देश में खुशियों के साथ मनाया जाता है और यह भाई-बहन के आपसी संबंध को और भी मजबूती देता है।

रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन शब्द का अर्थ होता है ‘रक्षा की बंधन’ या ‘सुरक्षा का बंधन’। यह त्योहार उस समय को याद दिलाता है जब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी भांजी द्रौपदी की रक्षा के लिए अपनी धारणा दी थी। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की पूजा-अर्चना करती हैं और उन्हें रक्षा बंधन का धागा बांधकर उनकी रक्षा करने की कामना करती हैं। विनम्रता और आदर भाव से भाइयों ने भी बहनों को उनके प्यार और स्नेह की प्रतिज्ञा करते हैं। यह रिश्ता न केवल भाइयों और बहनों के बीच ही होता है, बल्कि इसमें समाज की सभी उम्र के लोग शामिल होते हैं।

रक्षाबंधन की धारोहर

रक्षाबंधन का त्योहार परंपरागत रूप से मनाया जाता है, और इसकी धारोहर बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन बहनें बहनों के लिए विशेष रूप से तैयारी करती हैं, खासकर राखी बांधने के लिए। राखी एक धागा होता है जो स्वर्ण, चांदी, रजत या रंगीन धागों से बनता है। यह धागा एक राखी के रूप में बांधकर भाई के कलाई पर धरती की तरफ से आशीर्वाद और सुरक्षा की कामना की जाती है।

भाई-बहन के आपसी संबंध

रक्षाबंधन का यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और संबंध को मजबूती देता है। यह रिश्ता एक दूसरे के साथी और साथिनी के रूप में एक दूसरे का सहारा बनता है, जो जीवन की हर चुनौती में एक-दूसरे के साथ होते हैं। रक्षाबंधन के इस खास मौके पर भाई अपनी बहनों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का आश्वासन देते हैं और बहनें भाइयों की खुशियों की कामना करती हैं।

रक्षाबंधन पर हिंदी शायरी (Raksha Bandhan Shayari in Hindi)

1.

सावन की रिमझिम फुहार है,
रक्षाबंधन का त्यौहार है,
भाई बहन की मीठी सी तकरार है,
ऐसा यह प्यार और खुशियों का त्यौहार है!
रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएँ

2.

थोड़ा प्यार थोड़ी तक़रार करता
अनोखा रिश्ता है भाई बहन का।
Happy Raksha Bandhan

3.

अनोखा भी है, निराला भी है,
तकरार भी है तो प्रेम भी है,
बचपन की यादों का पिटारा है,
भाई बहन का यही प्यारा रिश्ता है।
Happy Raksha Bandhan

(4)

रक्षा के पवित्र बंधन को सदा निभाइये,
अनमोल है बहन, सदा स्नेह लुटाइये।

(5)

रक्षा-बन्धन का त्यौहार है,
हर तरफ खुशियों की बौछार है,
और बंधा एक रेशम की डोरी में
भाई-बहन का प्यार है।

6.

चंदन का टीका, रेशम का घागा,
सावन की सुगंध बारिश की फुहार,
भाई की उम्मीद बहन का प्यार,
मुबारक हो आपको
“” रक्षा -बंधन का त्योहार ! “”

प्रेम बंधन शायरी

(7)

राखी का त्यौहार है,
खुशियों की बहार है,
भाई-बहन का प्यार है,
मुबारक हो आपको
” रक्षाबंधन का त्यौहार “

(8)

रेशम की डोर है,
भाई बहन का पवित्र बंधन है,
हैप्पी रक्षाबंधन..!

(9)

राखी की कीमत तुम क्या जानो,
जिनकी बहने नही होती उनसे पुछो यारो।

(10)

साल में आता है एक बार राखी का त्यौहार,
मानते है भाई बहन देते है,
एक दुसरे को प्यार और उपहार।
हैप्पी रक्षाबंधन..

निष्कर्ष

रक्षाबंधन का इतिहास गहरे प्यार और समर्पण की कहानियों से भरपूर है। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार को मजबूत करने और संबंधों को और भी गहराई तक बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मौका प्रदान करता है।

रक्षाबंधन एक मानवता के अनमोल मूल्यों को प्रकट करने वाला त्योहार है, जो प्यार, समर्पण, सद्भावना और सहानुभूति की महत्वपूर्ण बातें सिखाता है। यह भाई-बहन के प्यार की अनबुनी बंधन को मजबूत करने का एक अद्वितीय मौका होता है। इस रक्षाबंधन पर, हम सभी को अपने प्रिय भाई और बहनों के साथ आनंदित और खुशहाल लम्हों का आनंद लेने की सलाह दी जाती है।

रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ!

धन्यवाद।

Frequently Asked Questions and Answers:-

Q: रक्षाबंधन का मतलब क्या है?

उत्तर: रक्षाबंधन का शाब्दिक अर्थ होता है “रक्षा का बंधन”।

Q: रक्षाबंधन किस पर्व के रूप में मनाया जाता है?

उत्तर: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्यार और संबंधों को बढ़ावा देने के रूप में मनाया जाता है।

Q: रक्षाबंधन किस धर्म में महत्वपूर्ण है?

उत्तर: रक्षाबंधन हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है और इसे खासकर भारत, नेपाल, और मauritius जैसे देशों में मनाया जाता है।

Q: रक्षाबंधन के अलावा इसे क्या नामों से जाना जाता है?

उत्तर: रक्षाबंधन को “श्रावणी” या “राखी” के नाम से भी जाना जाता है।

Q: रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई?

उत्तर: रक्षाबंधन का इतिहास प्राचीन काल से है, और महाभारत में द्रौपदी और श्रीकृष्ण के बीच के प्यार और संबंध की कथा से जुड़ा है। उस समय, श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा के लिए अपनी अंगुली में एक धागा बांधा था, जिससे उनके बीच का बंधन मजबूत हुआ था।

Q: रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?

उत्तर: रक्षाबंधन को पौराणिक काल से लगभग 5,000 वर्ष पूर्व से मनाया जा रहा है और यह हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

Exit mobile version